वाक्य के तत्व

वाक्य के अनिवार्य तत्व

(1) सार्थकता 

सार्थकता वाक्य का प्रमुख गुण है। इसके लिए आवश्यक है कि वाक्य में सार्थक शब्दों का ही प्रयोग हो, तभी वाक्य भावाभिव्यक्ति के लिए सक्षम होगा।
जैसे- राम रोटी पीता है।
यहाँ ‘रोटी पीना’ सार्थकता का बोध नहीं कराता, क्योंकि रोटी खाई जाती है। सार्थकता की दृष्टि से यह वाक्य अशुद्ध माना जाएगा।

(2) योग्यता  

वाक्य में सार्थक शब्दों के भाषानुकूल क्रमबद्ध होने के साथ-साथ उसमें योग्यता अनिवार्य तत्त्व है। प्रसंग के अनुकूल वाक्य में भावों का बोध कराने वाली योग्यता या क्षमता होनी चाहिए। इसके आभाव में वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
जैसे- हिरण उड़ता है।
यहाँ पर हिरण और उड़ने की परम्पर योग्यता नहीं है, अतः यह वाक्य अशुद्ध है। यहाँ पर उड़ता के स्थान पर चलता या दौड़ता लिखें तो वाक्य शुद्ध हो जाएगा।

(3) आकांक्षा– 

आकांक्षा का अर्थ है- इच्छा। एक पद को सुनने के बाद दूसरे पद को जानने की इच्छा ही ‘आकांक्षा’ है। यदि वाक्य में आकांक्षा शेष रहा जाती है तो उसे अधूरा वाक्य माना जाता है; क्योंकि उससे अर्थ पूर्ण रूप से अभिव्यक्त नहीं हो पाता है। जैसे- यदि कहा जाय।

‘खाता है’ तो स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि क्या कहा जा रहा है- किसी के भोजन करने की बात कही जा रही है या Bank के खाते के बारे में ?

(4) निकटता 

बोलते तथा लिखते समय वाक्य के शब्दों में परस्पर निकटता का होना बहुत आवश्यक है, रूक-रूक कर बोले या लिखे गए शब्द वाक्य नहीं बनाते। अतः वाक्य के पद निरंतर प्रवाह में पास-पास बोले या लिखे जाने चाहिए।

जैसे- गंगा……………….. पश्चिम से …………………………………. पूरब की ओर बहती है।

गंगा पश्चिम से पूरब की ओर बहती है।

(5) क्रम  

क्रम से तात्पर्य है- पदक्रम। सार्थक शब्दों को भाषा के नियमों के अनुरूप क्रम में रखना चाहिए। वाक्य में शब्दों के अनुकूल क्रम के अभाव में अर्थ का अनर्थ हो जाता है।
जैसे- नाव में नदी है।
इस वाक्य में सभी शब्द सार्थक हैं, फिर भी क्रम के अभाव में वाक्य गलत है। सही क्रम करने पर नदी में नाव है वाक्य बन जाता है, जो शुद्ध है।

(6) अन्वय  

अन्वय का अर्थ है कि पदों में व्याकरण की दृष्टि से लिंग, पुरुष, वचन, कारक आदि का सामंजस्य होना चाहिए। अन्वय के अभाव में भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है। अतः अन्वय भी वाक्य का महत्त्वपूर्ण तत्त्व है।
जैसे- नेताजी का लड़का का हाथ में बन्दूक था।

इस वाक्य में भाव तो स्पष्ट है लेकिन व्याकरणिक सामंजस्य नहीं है। अतः यह वाक्य अशुद्ध है। यदि इसे नेताजी के लड़के के हाथ में बन्दूक थी, कहें तो वाक्य व्याकरणिक दृष्टि से शुद्ध होगा।

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