केदारनाथ सिंह का साहित्यिक परिचय
केदारनाथ सिंह का साहित्यिक परिचय
केदारनाथ सिंह का जन्म ७ जुलाई १९३४ ई॰ को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गाँव में हुआ था। उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से १९५६ ई॰ में हिन्दी में एम॰ए॰ और १९६४ में पी-एच॰ डी॰ की उपाधि प्राप्त की। उनका निधन १९ मार्च २०१८ को दिल्ली में उपचार के दौरान हुआ। कुछ वक़्त गोरखपुर में हिंदी के प्रध्यापक रहे। उन्होंने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा केंद्र में बतौर आचार्य और अध्यक्ष काम किया था।
मुख्य कृतियाँ
कविता संग्रह
- अभी बिल्कुल अभी (1960)
- जमीन पक रही है
- यहाँ से देखो
- बाघ(पुस्तक के रूप में)
- अकाल में सारस
- उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ
- तालस्ताय और साइकिल
- सृष्टि पर पहरा (2014)
आलोचना
- कल्पना और छायावाद
- आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान
- मेरे समय के शब्द
- मेरे साक्षात्कार
पुरस्कार
1989 में उनकी कृति ‘अकाल में सारस’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। इसके अलावा उन्हें व्यास सम्मान, मध्य प्रदेश का मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, उत्तर प्रदेश का भारत-भारती सम्मान, बिहार का दिनकर सम्मान तथा केरल का कुमार आशान सम्मान मिला था। वर्ष 2013 में उन्हें प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वह हिन्दी के १०वें साहित्यकार थे।