संत काव्य की सामान्य विशेषताएँ
हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल को निर्गुण और सगुण भक्ति काव्यधारा इन दो भागों में विभाजित किया जाता है । इस काल में निर्गुण भक्ति पद्धति अत्याधिक प्रभावी रही हैं। निर्गुण भक्तिधारा में दो शाखाएँ विकसित हुई एक ज्ञानाश्रयी शाखा और दुसरी प्रेममार्गी शाखा। ज्ञानाश्रयी शाखा को संत काव्य नाम से संबोधित किया जाता हैं। इसके … Read more