संत काव्य / निर्गुण काव्य की विशेषताएँ
संत काव्य /निर्गुण काव्य की विशेषताएँ- संत काव्य / निर्गुण काव्य की विशेषताएँ धार्मिक क्षेत्र में : सामाजिक क्षेत्र में: शिल्पगत क्षेत्र में: रामचन्द्र शुक्ल ने कबीर की भाषा को ‘सधुक्कड़ी भाषा’ की संज्ञा दी है। श्यामसुंदर दास ने कई बोलियों के मिश्रण से बनी होने के कारण कबीर की भाषा को ‘पंचमेल खिचड़ी’ कहा … Read more