हिंदी साहित्य इतिहास पुनर्लेखन क्यों ?

हिंदी साहित्य इतिहास पुनर्लेखन क्यों ? इसके बारे में विस्तार में हम जानने वाले हैं .

Hindi Sahity

हिंदी साहित्य इतिहास पुनर्लेखन की आवश्यकता :-

  1. साहित्य चेतना का विकास
  2. नवीन शोध परिणाम

दो मौलिक प्रश्न है सामने :

  1. हिंदी का स्वरुप विस्तार कहाँ तक है?
  2. साहित्य की सीमा क्या है?

आधार स्रोत:

  1. इतिहास में ऐसी सामग्री का उपयोग करना चाहिए,जिसकी प्रमाणिकता असंदिग्ध है.
  2. संदिग्ध सामग्री का भी,यदि वह इतिहास के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, तो उल्लेख महत्वपूर्ण हो सकता है. परन्तु उस पर प्रश्नवाचक चिन्ह अवश्य रहना चाहिए.

आवश्यक बातें:

  1. ऐतिहासिक दृष्टि और आलोचनात्मक ढंग से लेखक कार्य संपन्न करे तो उत्तम होगा.
  2. युगचेतना और साहित्य्चेतना के समन्वय पर आधारित साहित्य के इतिहास के संश्लिष्ट स्वरुप को ही स्वीकार करना चाहिए.
  3. नविन शोध सामग्री का उपयोग आवश्यक है.
  4. जीवनवृत तथा ग्रन्थ विवरण साहित्य विवेचन से पूर्व देना संगत होता है .
  5. विक्रम संवत की अपेक्षा ईस्वी सन का प्रयोग करना उचित है,ताकि जीवंत संपर्क रहे.
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