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कक्षा 12
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी : क्या लिखूं कक्षा 12 हिंदी गद्य खंड
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी : क्या लिखूं कक्षा 12 हिंदी गद्य खंड
जीवन-परिचय-
श्री पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जन्म सन् 1894 ई० में मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के खैरागढ़ नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता श्री उमराव बख्शी तथा बाबा पुन्नालाल बख्शी साहित्य-प्रेमी और कवि थे। सन् 1971 ई० में 77 वर्ष की आयु में निरन्तर साहित्य-सेवा करते हुए आप निधन हो गये।!-->!-->!-->!-->!-->…
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सहर्ष स्वीकारा है -गजानन माधव मुक्तिबोध कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
सहर्ष स्वीकारा है -गजानन माधव मुक्तिबोध कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
प्रमुख बिंदु
गजानन माधव मुक्तिबोध का जीवन परिचय–
प्रयोगवादी काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के श्योपुर नामक स्थान पर 1917 ई० में हुआ था। इनके पिता पुलिस विभाग में थे। अत: निरंतर होने वाले स्थानांतरण के कारण इनकी पढ़ाई!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
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शमशेर बहादुर सिंह : उषा कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
शमशेर बहादुर सिंह : उषा कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
शमशेर बहादुर सिंह
जन्म : 13 जनवरी, सन् 1911 को देहरादून (उत्तर प्रदेश अब उत्तराखंड में)प्रकाशित रचनाएँ : कुछ कविताएँ, कुछ और कविताएँ, चुका भी हूँ नहीं मैं, इतने पास अपने, बात बोलेगी, काल तुझसे होड़ है मेरी, 'उर्दू-हिंदी कोश' का संपादनसम्मान : 'साहित्य अकादेमी' तथा 'कबीर सम्मान' सहित अनेक!-->!-->!-->!-->!-->…
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सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला : बादल राग कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला : बादल राग कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
कवि परिचय
महाप्राण कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का जन्म सन 1899 में बंगाल राज्य के महिषादल नामक रियासत के मेदिनीपुर जिले में हुआ था। इनके पिता रामसहाय त्रिपाठी मूलत: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के गढ़ाकोला नामक गाँव के निवासी थे। जब निराला तीन वर्ष के थे, तब इनकी माता का देहांत!-->!-->!-->!-->!-->…
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तुलसीदास – कवितावली (उत्तरकाण्ड से ) कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
तुलसीदास - कवितावली (उत्तरकाण्ड से ) कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
कवि परिचय
जीवन परिचय-
गोस्वामी तुलसीदास का जन्म बाँदा जिले के राजापुर गाँव में सन 1532 में हुआ था। कुछ लोग इनका जन्म-स्थान सोरों मानते हैं। इनका बचपन कष्ट में बीता। बचपन में ही इन्हें माता-पिता का वियोग सहना पड़ा। गुरु नरहरिदास की कृपा से इनको रामभक्ति का मार्ग मिला। इनका!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
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तुलसीदास- लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
तुलसीदास- लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
(ख) लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप
प्रतिपादय-
यह अंश ‘रामचरितमानस’ के लंकाकांड से लिया गया है जब लक्ष्मण शक्ति-बाण लगने से मूर्चिछत हो जाते हैं। भाई के शोक में विगलित राम का विलाप धीरे-धीरे प्रलाप में बदल जाता है जिसमें लक्ष्मण के प्रति राम के अंतर में छिपे प्रेम!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
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फ़िराक गोरखपुरी : रुबाइयाँ / गज़ल कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
फ़िराक गोरखपुरी : रुबाइयाँ / गज़ल कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
फ़िराक गोरखपुरी
फ़िराक गोरखपुरी उर्दू-फ़ारसी के जाने-माने शायर थे। इनका जन्म 28 अगस्त, सन 1896 को गोरखपुर में हुआ था। इनका मूल नाम रघुपति सहाय ‘फ़िराक’ था।
इन्हें ‘गुले-नग्मा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड मिला। सन 1938 में इनका देहावसान!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
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जैनेन्द्र कुमार : बाजार दर्शन कक्षा 12 हिंदी गद्य खंड
जैनेन्द्र कुमार : बाजार दर्शन कक्षा 12 हिंदी गद्य खंड
एक बार की बात कहता हूँ। मित्र बाज़ार गए तो थे कोई एक मामूली चीज़ लेने पर लौटे तो एकदम बहुत-से बंडल पास थे।
मैंने कहा- यह क्या?
बोले- यह जो साथ थीं।
उनका आशय था कि यह पत्नी की महिमा है। उस महिमा का मैं कायल हूँ। आदिकाल से इस विषय में पति से पत्नी की ही प्रमुखता प्रमाणित है। और यह!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
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धर्मवीर भारती : काले मेघा पानी दे कक्षा 12 हिंदी गद्य खंड
धर्मवीर भारती : काले मेघा पानी दे कक्षा 12 हिंदी गद्य खंड
लेखक परिचय
जीवन परिचय-धर्मवीर भारती का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में सन 1926 में हुआ था। इनके बचपन का कुछ समय आजमगढ़ व मऊनाथ भंजन में बीता। इनके पिता की मृत्यु के बाद परिवार को भयानक आर्थिक संकट से गुजरना पड़ा। इनका भरण-पोषण इनके मामा अभयकृष्ण ने किया। 1942 ई० में इन्होंने!-->!-->!-->!-->!-->…
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फणीश्वर नाथ रेणु : पहलवान की ढोलक कक्षा 12 हिंदी गद्य खंड
फणीश्वर नाथ रेणु : पहलवान की ढोलक कक्षा 12 हिंदी गद्य खंड
जाड़े का दिन। अमावस्या की रात-ठंडी और काली । मलेरिया और हैज़े से पीड़ित गाँव भयार्त शिशु की तरह थर-थर काँप रहा था। पुरानी और उजड़ी बॉस-फूस की झोंपड़ियों में अंधकार और सन्नाटे का सम्मिलित साम्राज्य! अँधेरा और निस्तब्धता !
अँधेरी रात चुपचाप आँसू बहा रही थी। निस्तब्धता करुण सिसकियों और!-->!-->!-->!-->!-->…
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