प्रकाश कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 12
प्रकाश कक्षा 6 विज्ञान
स्मरणीय बिन्दु
1 प्रकाश उत्पन्न करने वाली वस्तुओं को प्रकाश स्रोत कहते हैं, प्रकृति से मिलने वाले स्रोतों को प्राकृतिक स्रोत तथा मानव द्वारा बनाये गये स्रोतों की मानव निर्मित स्रोता या कृत्रिम स्रोत कहते हैं।
2 छाया- प्रकाश पथ पर अपारदर्शी वस्तु के आ जाने पर वस्तु के दूसरी और वस्तु के आकृति के समान काला धब्बा प्राप्त होता है, जिसे वस्तु को छाया कहते हैं।
3 पारदर्शी वस्तुएँ- जिन वस्तुओं के आर-पार देखा जा सकता है, उन्हें पारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- काँच
4. अपारदर्शी वस्तुएं – जिनके आर-पार नहीं देख सकते उन्हें अपारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं। जैसे-पत्थर
5 प्रवासी वस्तुएं – जिनके आर-पार पूर्ण रूप से नहीं देख सकते उन्हें पारभासी वस्तुएँ कहते हैं, जैसे-तेल से भीगा कागज
6. सूर्यग्रहण – अमावस्या के दिन चन्द्रमा सूर्य तथा पृथ्वी के बीच होता है। जब कभी तीनों एक सीधी रेखा में होते हैं, तब चन्द्रमा द्वारा सूर्य का कुछ हिस्सा ढक लिए जाने के कारण, वह पृथ्वी से दिखाई नहीं देता। इस घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं।
7. चन्द्रग्रहण- पूर्णिमा की रात में पृथ्वी सूर्य एवं चन्द्रमा के बीच होती है। जब तीनों एक सीध में होते हैं, तब चन्द्रमा सूर्य द्वारा बनी पृथ्वी की प्रच्छाया में से होकर गुजरता है। इस स्थिति में पृथ्वी के किसी भी हिस्से से चन्द्रमा का वह भाग दिखाई नहीं देता जो पृथ्वी की प्रच्छाया में होता है। इस घटना को चन्द्रग्रहण कहते हैं।
8. वस्तु को देख पाने के लिए हमें प्रकाश की आवश्यकता होती है। यही प्रकाश वस्तुओं से टकराने के बाद हमारी आँखों तक पहुँचता है।
9 प्रकाश सीधी रेखा में गमन करता है।
10. प्रकाश की चाल तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकंड है।
11. प्रत्येक पूर्णिमा को चन्द्रग्रहण तथा प्रत्येक अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण नहीं होता।
12. छाया सदैव वस्तु के दूसरी ओर बनती है।
13. सूर्य ग्रहण को खाली आँखों से देखना खतरनाक हो सकता है।