भारतीय काव्यशास्त्र नोट्स
◼अलंकार-सम्प्रदाय के प्रवर्तक है?
भामह (समय-छठी शती का मध्यकाल)
◼आचार्य भामह, उद्भट और रूद्रट। किस सम्प्रदाय के प्रमुख आचार्य है?
अलंकार सम्प्रदाय
◼रीति सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य है?
आ.वामन( समय8वीं शती का उत्तरार्द्ध)
◼आचार्य दण्डी और वामन किस सम्प्रदाय के प्रमुख आचार्य है?
रीति सम्प्रदाय
◼रीति को काव्य की आत्मा मानने वाले-रीतिवादी आचार्य है?
वामन
◼रस-सम्प्रदाय के प्रवर्तक है?
भरत मुनि(समय द्वित्तीय शती)
◼संस्कृत काव्य शास्त्र के प्रथम आचार्य है?
भरत मुनि(समय द्वित्तीय शती)
◼आचार्य लोल्लट,शंकुक और भट्टनायक अभिनव गुप्त किस सम्प्रदाय के प्रमुख व्याख्याता आचार्य है ?
रस सम्प्रदाय
◼रस सूत्र के किस व्याख्याता का मत
उत्पत्तिवाद या उपचयवाद या आरोपवाद है?
भट्ट लोल्लट
◼रस सूत्र के किस व्याख्याता का मत अनुमितिवाद या अनुकृतिवाद कहा जाता है?
शंकुक
◼रस सूत्र के किस व्याख्याता का मत भुक्तिवाद या भोगवाद कहा जाता है?
भट्ट नायक
◼किस आचार्य को साधारणीकरण का प्रवर्तक माना जाता है?
भट्ट नायक
◼रस सूत्र के किस व्याख्याता का मत अभिव्यक्तिवाद कहा जाता है?
अभिनवगुप्त
◼ध्वन्यालोक की टीका ‘ लोचन ’और नाट्यशास्त्र की टीका अभिनवभारती’ किसने लिखी?
अभिनवगुप्त ने
◼ध्वनि सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य है? आनन्दवर्धन(समय 9वीं शती का उत्तरार्द्ध)
◼ध्वनि को काव्य की आत्मा माननेवाले आचार्य है?
आनन्दवर्द्धन
◼हृदयदर्पण ग्रन्थ किसने लिखा?
भट्टनायक
◼औचित्यविचारचर्चा नामक रचना किसकी है
क्षेमेन्द्र
◼वक्रोक्ति सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य है?
आचार्य कुन्तक
(समय 10 वीं शती का उत्तरार्ध्द)
◼वक्रोक्ति को काव्य की आत्मा माना है?
आचार्य कुन्तक ने
◼वक्रोक्ति का सर्वप्रथम शास्त्रीय विवेचन करने वाले आचार्य है?
आचार्य भामह
◼औचित्य सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य है?
आचार्य क्षेमेन्द्र
(समय 11वीं शती का शती का उत्तरार्ध्द)
◼क्षेमेन्द्र के शिक्षा गुरु कौन थे?
आचार्य अभिनवगुप्त
◼काव्यप्रकाश नामक रचना किसकी है
मम्मट-
◼दशरूपकम् ग्रन्थ किसने लिखा?
धनञ्जय
◼व्यक्तिविवेक रचना किसकी है?
महिमभट्ट
◼काव्यानुशासनम् नामक रचना किसकी है ? हेमचन्द्र
◼अलंकारसर्वस्य रचना किसकी है ?
रुय्यक
◼साहित्यदर्पण रचना किसकी है ?
विश्वनाथ
◼अलंकार शेखररचना किसकी है?
केशवमिश्र
◼एकावली व प्रतापरुद्रीयम् रचनाये किसकी है
विद्यानाथ
◼काव्यदर्पण रचना किसकी है
चूडामणिदीक्षित
◼काव्यालंकारसारसंग्रह रचना किसकी है ?
उद्भट
◼संस्कृत में ‘काव्यालंकार नामक दो प्रसिद्ध ग्रन्थ हैं- भामह द्वारा रचित काव्यालंकार (7वीं शताब्दी) और दूसरा। काव्यालंकार किसका है?
रुद्रट
(कश्मीर के 9वीं शताब्दी के कवि)
◼वृत्तिवार्तिकम् व कुवलयानन्द रचना किसकी है ?
अप्पयदीक्षित
◼चित्रमीमांसा व लक्षणरत्नावली रचना किसकी है ?
अप्पयदीक्षित
◼श्रृंगार तिलक रचना किसकी है?
रुद्रभट्ट की
रुद्रट और कुंतक ने कितने काव्य हेतु माने है ?
=3
१•शक्ति२•व्युत्तपत्ति३• अभ्यास
वामन ने कितने काव्य हेतु माने है ?
=3
१• लोक,, २•विद्या ,,३•प्रकीर्ण
व्यंग के तारत्मय के आधार पर काव्य के कितने भेद माने जाते है?
=3
१•ध्वनि,,२• गुणीभूत व्यंगचित्र ,,३• चित्र
◼वास्तविक काव्यलक्षण का प्रारंभ किस आचार्य
से होता है जिन्होंने शब्द और अर्थ के सहभाव
(शब्दार्थो सहितौ काव्यम )को काव्य की संज्ञा दी है भामह से
◼शब्द अर्थ संगम सहित भरे चमत्कृत भाय।
जग अद्भुत में अद्भुतहिँ ,सुखदा काव्य बनाए ||”
पंक्ति है ?
ग्वाल कवि( रसिकानंद)
◼प्रतिभा के दो भेद (सहजा और उत्पाद्या ) किसने किये?
रुद्रट ने
◼प्रतिभा को काव्य निर्माण का एकमात्र हेतु मानने के कारण किस आचार्य के प्रतिभावादी कहा जाता है? पंडितराज जगन्नाथ को
◼प्रतिभा के दो भेद कारयित्री और भावयित्री किस आचार्य ने किए हैं ?
राजशेखर ने
◼भावयित्री प्रतिभा किसमे होती है?
सहदय् में
◼भारतीय काव्यशात्र में ‘भावक, से अभिप्राय है?
सहदय् या आलोचक से
◼शरीरं तावदिष्टार्थ व्यवच्छिन्ना पदावली” कथन किसका है?
दण्डी का
◼रीति सिद्धांत की उपलब्धि है ?
शैली तत्वों को महत्व देना
◼वामन के अनुसार गुण और रिति का संबंध है? अभेद
◼आचार्य कुंतक के अनुसार वक्रोक्ति के कितने भेद हैे =6
◼व्क्रोक्ति सिद्धांत की महत्वपूर्ण उपलब्धि है?
कलावाद की प्रतिष्ठा
◼कव: कर्म काव्यम् , (कवि का कर्म ही काव्य है )
कथन किसका है ?
कुन्तक का
◼औचित्य विचार चर्चा ,ग्रंथ किस आचार्य का है ?
क्षेमेंद्र का
◼क्षेमेंद्र के अनुसार औचित्य के प्रधान भेद हैं
=27
◼क्षेमेंद्र ने रस का प्राण किसे माना है?
औचित्य को
◼ध्वन्यालोक, की टीका ध्वन्यालोक लोचन किसने लिखी?
अभिनवगुप्त ने
◼ध्वनि सिद्धांत का प्रादुर्भाव हुआ है?
व्याकरण के स्फोट सिद्धांत से
◼वैयाकरण ने वाक् (वाणी) के कितने प्रकार माने है? =4
१•परा, १•पश्यंती, ३•मध्यम, ४•बैखरी
◼आनन्दवर्धन का समय है ?
नवीं शती का मध्य
◼आनन्दवर्धन ने व्यंग्यार्थ के तारतम्य के आधार पर काव्य के कितने भेद किये है?
=3
★ध्वनि, ★गुणिभूत व्यंग,★ चित्र
◼आनन्दवर्धन ने ध्वनि के कितने प्रकार माने है?
=3
★वस्तु ध्वनि, ★अलंकार ध्वनि,★रसध्वनि
◼आनंद वर्धन के अनुसार रीति के चार नियामक है ?
१.वक्त्रोचित्य २.वाच्योचित्य ,
३.विषयोचित्य ,४.रसोचित्य
◼अभिनव गुप्त ने ध्वनि के कितने भेद किए हैं ?
=35
◼मम्मट ने के ध्वनि के शुद्ध भेदों की संख्या स्वीकार की है ?
=51
◼पंडित राज जगन्नाथ ने काव्य के कितने भेद किए हैं? =4
१.उत्तमोत्तम २.उत्तम ३.मध्यम ४.अधम
◼आचार्यो ने व्यंग्यार्थ की प्रधानता गौणता एवं अभाव के आधार पर काव्य के कितने भेद किए हैं =3
उत्तम =मध्यम=अधम
◼आधुनिक काल के प्रारंभिक समय में से सेठ कन्हैयालाल पौद्दार ने काव्यकल्पद्रुम नामक ग्रंथ की रचना की जो आगे चलकर के किस रुप में प्रकाशित हुआ ?
रसमंजरी और अलंकार मंजरी
◼ह्दय दर्पण नामक ग्रंथ की रचना किसने की?
भट्टनायक ने
◼हिंदी वक्रोक्ति जीवित् की भूमिका किसने लिखी नगेंद्र ने
◼रस निरुपण के प्रथम व्याख्याता और रस निरुपण का प्रथम ग्रंथ किसे माना जाता है ?
भरत मुनि व् उनके नाट्यशास्त्र को
◼ किसने ने 8 स्थाई भाव ,,8 सात्विक भाव,, 33संचारी भावों का उल्लेख किया है?
भरत मुनि ने
◼किस आचार्य ने रीती को काव्य की आत्मा मान कर रस के गुण के अंतर्गत स्थान दिया है और कांति गुण का वर्णन करते हुए रस से युक्त माना है ?
वामन
◼आचार्य रुद्रट ने शांत रस का स्थाई भाव किसे माना है ?
समयक ज्ञान
◼रस को ध्वनि के साथ युक्त करने का श्रेय किसे है? आनंद वर्धन को
◼भोज ने 12 रसों का विवेचन किया है जिनमें चार नवीन है रस है?
=प्रेयस=शांत=उदात्त=उध्दत
◼भोज ने रस का मूल किसे माना है?
अलंकार को
◼वाक्य रसात्मक काव्यम् कथन किसका है ?
विश्वनाथ का
◼आचार्य शुक्ल ने काव्य की आत्मा किसे माना है?
रस को
◼भट्टलोल्लक ने रस की अवस्थिति किसमें मानी है? अनुकार्य में
किस आचार्य ने रस सूत्र की व्याख्या के संधर्भ में काव्य में तीन शक्तियों(अभिधा=भावक्त्व=भोजकत्व) की कल्पना की ?
भट्टनायक ने
◼अभिनव गुप्त रस को मानते हैं ?
व्यंग
◼किस आलोचक के मतानुसार साधारणीकरण कवि की अनुभूति का होता है ?
नगेंद्र के अनुसार
◼भारतीय काव्यशास्त्र में भावक से अभिप्राय है ?
सहदय् या आलोचक से
◼भावक(सहदय्) के कितने प्रकार माने गए है ?
=4
१ अरोचकी [विवेकी]
२सतृणाभ्यव्हारि [अविवेकी]
३ मत्सरी [पक्षपात पूर्ण आलोचना करने वाला]
४तत्त्वाभिनिवेशी
◼विभाव के कितने भेद हैं?
=2[आलम्बन और उद्दीपन ]
◼आलंबन विभाव के कितने भेद हैं ?
=2 १•आलंबन २•आश्रय
◼सात्विक अनुभाव की संख्या कितनी मानी गई है? =आठ
◼आचार्य शुक्ल ने विरोध और अविरोध के आधार पर संचारियों के कितने वर्ग किये हैं ?
=चार १•सुखात्मक २•दु:खात्मक
३•उभयात्मक ४•उदासीन
◼श्रृंगार को मूल रस किस आचार्य ने माना है?
भामह ने
◼भक्ति रस का रस को मूल रास किसने माना है?
=मधुसूदन सरस्वती एव रूप गोस्वामी ने
◼शंकुक के अनुसार भरतमुनि के रस सूत्र में आये “संयोग ” शब्द का अर्थ है ?
अनुमान
◼रस सिद्धांत के संबंध में तन्मयतावाद के प्रतिष्ठापक है=?
अभिनव भरत
एक के बाद एनी अनेक भावों का उदय होता है तो उसे कहते है ?
भाव सबलता
◼अवहित्था और अपस्मार क्या है ?
संचारी भाव का एक प्रकार
◼किस आलोचक के मतानुसार साधारणीकरण कवि भावना का होता है?
नगेंद्र
◼अभिधा ,,भावकत्व और भोग काव्य के तीन व्यापार किस आचार्य ने माने हैं ?
भट्टनायक ने
◼भाव-सन्धि ,,भाव सबलता तथा भाव-शांति किस भाव की प्रमुख स्थितियां है ?
संचारी भाव की
◼अलंकार संप्रदाय के प्रतिष्ठापक आचार्य है ?
भामह
◼भरत मुनि ने कितने अलंकारों का उल्लेख किया है ?
=4
१• उपमा २• रूपक ३• दीपक ४•यमक
◼अलंकार रत्नाकर नामक ग्रंथ के रचयिता है ?
शोभाकर मित्र
◼दण्डी ने गुणों की संख्या कितनी मानी है ?
=10
◼आचार्य भोज ने अनुसार गुणों की संख्या है ?
=24
◼वामन ने गुणों की संख्या मानी है ?
=20
◼मम्मट,, भामह तथा आनंद वर्धन ने गुणों के भेद माने है?
=3
◼गुणों के प्रमुख भेद है?
=3 १•माधुर्य १ •औज ३• प्रसाद
◼वृत्ति का सर्वप्रथम वर्णन किस ग्रंथ में मिलता है? नाट्यशास्त्र में
◼भारतीय काव्यशास्त्र में कितनी काव्य वृत्तियां मानी ग मानी गई है ?
=3
१•परुषा २•कोमल३•उपनागरी
◼सर्वप्रथम दोष की परिभाषा किस आचार्य ने प्रस्तुत की?
वामन ने
◼दंडी में कितने काव्य दोषों का वर्णन किया है ?
=10
◼वामन ने कितने काव्य दोषों का वर्णन किया है?
=20
◼विश्वनाथ ने कितने दोषों का वर्णन किया है ?
=70
◼काव्य दोषो का सर्वप्रथम निरुपण किस ग्रंथ में मिलता है ?
भारत कृत नाट्य शास्त्र में
◼दस के स्थान पर तीन काव्य गुणों की स्वीकृति प्रथम किस आचार्य ने की?
भामह ने
◼प्रेयान नामक नवीन रस की उद्भावना किस आचार्य ने की?
रुद्रट
◼आलोक का हिंदी भाष्य किसने लिखा?
आचार्य विश्वेश्वर ने
◼भावप्रकाश नामक ग्रंथ के रचयिता है?
शारदातनय
◼दण्डी ने कितने काव्य हेतु माने है ?
=3
१• नैेसर्गिकी प्रतिभा
२• निर्मल शास्त्र ज्ञान
३•अमंद अभियोग[अभ्यास]
◼भरत मुनि आठ रसों के प्रतिष्ठापक है 9वे रस शांत रस के प्रतिष्ठापक है?
उद्भट
◼ 10 वे रस वात्सल्य रस की स्थापना विश्वनाथ ने की 11 वे रस भक्तिरस के प्रतिष्ठापक कौन माने जाते है?
रूपगोस्वामी