Trending
- मीठे बोल कक्षा 3 हिन्दी पाठ 5
- तेल का गिलास कक्षा 3 हिन्दी पाठ 19
- जंगल में स्कूल कक्षा 3 हिन्दी पाठ 18
- सतवतीन गाय बहुला कक्षा 3 हिन्दी पाठ 17
- अगर पेड़ भी चलते होते कक्षा 3 हिन्दी पाठ 16
- मैं हूँ महानदी कक्षा 3 हिन्दी पाठ 15
- कौन जीता कक्षा 3 हिन्दी पाठ 14
- होनहार लड़का नरेन्द्र कक्षा 3 हिन्दी पाठ 13
- हाथी कक्षा 3 हिन्दी पाठ 12 हाथी
- चुहिया की शादी कक्षा 3हिन्दी पाठ 10
पद्य साहित्य
आधुनिक काल 1850 से हिंदी साहित्य के इस युग को भारत में राष्ट्रीयता के बीज अंकुरित होने लगे थे। स्वतंत्रता संग्राम लड़ा और जीता गया। छापेखाने का आविष्कार हुआ, आवागमन के साधन आम आदमी के जीवन का हिस्सा बने, जन संचार के विभिन्न साधनों का विकास हुआ, रेडिओ, टी वी व समाचार पत्र हर घर का हिस्सा बने और शिक्षा हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार। इन सब परिस्थितियों का प्रभाव हिंदी साहित्य पर अनिवार्यतः पड़ा। आधुनिक काल का हिंदी पद्य साहित्य पिछली सदी में विकास के अनेक पड़ावों से गुज़रा। जिसमें अनेक विचार धाराओं का बहुत तेज़ी से विकास हुआ। जहाँ काव्य में इसे छायावादी युग, प्रगतिवादी युग, प्रयोगवादी युग, नयी कविता युग और साठोत्तरी कविता इन नामों से जाना गया, छायावाद से पहले के पद्य को भारतेंदु हरिश्चंद्र युग और महावीर प्रसाद द्विवेदी युग के दो और युगों में बाँटा गया।