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काव्यशास्त्र
‘काव्यशास्त्र’ काव्य और साहित्य का दर्शन तथा विज्ञान है।
लोंजाइनस पाश्चात्य काव्यशास्त्री
लोंजाइनस (मूल यूनानी नाम लोंगिनुस ('Longinus') का समय ईसा की प्रथम या तृतीय शताब्दी माना जाता है।लोंजाइनस के ग्रन्थ का नाम 'पेरिहुप्सुस' है। इस ग्रन्थ का प्रथम बार प्रकाशन सन् 1554 ई० में इतालवी विद्वान रोबेरतेल्लो ने करवाया था।'पेरिहुप्सुस' मूलतः भाषणशास्त्र (रेटोरिक) का ग्रन्थ है।'पेरिहुप्सुस' का सर्वप्रथम अंग्रेजी रूपान्तर जॉन हॉल ने सन्!-->…
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प्रपद्यवाद या नकेनवाद
नकेनवाद की स्थापना सन् १९५६ में नलिन विलोचन शर्मा ने की थी। नकेनवाद को प्रपद्यवाद के नाम से भी जाना जाता है। इसे हिंदी साहित्य में प्रयोगवाद की एक शाखा माना जाता है।
प्रपद्यवाद या नकेनवाद के अंतर्गत तीन कवियों को लिया जाता है- नलिन विलोचन शर्मा, केशरी कुमार, नरेश।
प्रयोगवाद का एक दूसरा पहलू बिहार के!-->!-->!-->!-->!-->…
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पाश्चात्य काव्यशास्त्र के वाद
पाश्चात्य काव्यशास्त्र के वाद
हिन्दी काव्यशास्त्र
अरस्तू का विरेचन सिद्धांत
अरस्तू के द्वारा प्रयुक्त शब्द कैथार्सिस का अर्थ है सफाई करना या अशुद्धियों को दूर करना, अतः कैथार्सिस का व्युत्पत्तिपरक अर्थ हुआ शुद्धिकरण। अरस्तू ने 'विरेचन' शब्द का ग्रहण चिकित्साशास्त्र से किया था, इस मत का प्रचार सं १८५७ में जर्मन विद्वान बार्नेज के एक निबंध!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
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काव्य-प्रयोजन
प्रयोजन का अर्थ है उद्देश्य। संस्कृत काव्यशास्त्र में काव्य की रचना के उद्देश्यों पर भी गंभीर विचार विमर्श हुआ है। भरत से लेकर विश्वनाथ तक ने काव्य का प्रयोजन पुरूषार्थ चतुष्ठ्य की प्राप्ति माना है। पुरुषार्थ चतुष्ठ्य से अभिप्राय धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति से है।
काव्य प्रयोजन से तात्पर्य काव्य रचना के उद्देश्य से होता है। काव्य के!-->!-->!-->…
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काव्य हेतु
काव्य हेतु का तात्पर्य कवि-कर्म के कारण से है ।
काव्य हेतु की परिभाषा
काव्य-हेतु अर्थात काव्य की रचना करने वाले कवि में ऐसी कौन सी विलक्षण शक्ति /कारण/तत्व है जिसके द्वारा वह साधारण मानव होते हुये भी असाधारण काव्य की सर्जना कर देता है।
काव्य-हेतु के अंतर्गत तीन साधन या कारण मुख्य रूप से विवेचित किए गए हैं -
प्रतिभाव्युत्पत्तिअभ्यास
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रस संप्रदाय वस्तुनिष्ठ प्रश्न
रस संप्रदाय वस्तुनिष्ठ प्रश्न
हिन्दी वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1 रस सूत्र किस आचार्य ने दिया है ?1 भरतमुनि✔️2 भामह3 मम्मट4 पंडितराज जगनन्नाथ
2 रस सूत्र के व्याख्याता आचार्यों की संख्या है -1, 4✔️2, 63, 54, 8
3 उत्प्तति वाद किस आचार्य का मत कहा जाता है -1 भट्टनायक2 भट्टलोलट✔️3 अभिनवगुप्त4 शंकुक
4 अनुमिति का सम्बन्ध है -1 साधारणीकरण2!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
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वक्रोक्ति संप्रदाय वस्तुनिष्ठ प्रश्न
वक्रोक्ति संप्रदाय वस्तुनिष्ठ प्रश्न
हिन्दी वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1)अभिव्यंजनावाद का संबंध किस काव्य संप्रदाय से है??रीतिध्वनिवक्रोक्ति🎯अलंकार
🎯🎯🎯🎯🎯🎯🎯2)वक्रोक्ति सिद्धांत का प्रतिपादन किया--?वामनमम्मटभरतमुनिकुंतक🎯🎯🎯🎯🎯🎯🎯3)वक्रोक्ति के भेद है246🎯8
🎯🎯🎯🎯🎯🎯4)कुंतक का काव्य है??काव्यांलकारवक्रोक्ति जीवितम्🎯काव्यादर्शकाव्यप्रकाश
🎯🎯🎯🎯🎯🎯🎯5)निम्न!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
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भारतीय काव्यशास्त्र नोट्स
भारतीय काव्यशास्त्र नोट्स
◼अलंकार-सम्प्रदाय के प्रवर्तक है?
भामह (समय-छठी शती का मध्यकाल)
◼आचार्य भामह, उद्भट और रूद्रट। किस सम्प्रदाय के प्रमुख आचार्य है?
अलंकार सम्प्रदाय
◼रीति सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य है?
आ.वामन( समय8वीं शती का उत्तरार्द्ध)
◼आचार्य दण्डी और वामन किस सम्प्रदाय के प्रमुख आचार्य है?
रीति सम्प्रदाय
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