द्विवेदी युग के प्रमुख कवि

द्विवेदी युग के प्रमुख कवि द्विवेदी युग का समय – 1900 से 1920 तक नग्रेन्द्र के अनुसार – 1900- 1918 तक भारतीय जनमानस में स्वदेश प्रेम एवं नवजागरण के जे बीज भारतेन्दु युग में अंकुरित हुए थे वे द्विवेदी युग में पूर्ण पल्लवित होकर सामने आए। इस युग का नामकरण ‘आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी’ के … Read more

शब्द शक्ति से तात्पर्य

हिंदी व्याकरण

भारतीय काव्यशास्त्र में शब्द-शक्तियों के विवेचन की एक सुदीर्घ और सुचिंतित परंपरा रही है। आचार्यों ने शब्द और अर्थ-चिंतन की परंपरा में दार्शनिकों के चिंतन के साथ-साथ व्याकरण के आचार्य चिंतन को प्रसंगानुसार ग्रहण किया है। भारतीय शब्द-शक्तियों के ढंग का क्रमबद्ध चिंतन पश्चिम में नहीं हुआ है। हाँ, वहाँ शब्द और अर्थ के विवेधन … Read more

काव्य लक्षण की विशेषताएँ

हिन्दी काव्यशास्त्र

प्रस्तुत पोस्ट को पढ़ने के बाद आप : काव्य लक्षण की विशेषताएँ काव्य लक्षण करते समय कहा गया है कि उसमें निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए – निष्कर्ष यह कि ‘अरथ अमित अति आखर थोरे’ (थोड़े शब्दों में अपार अथ) का गुण अर्थात सूत्रबद्धता का गुण ही लक्षण की शक्ति है। काव्य लक्षण के विवेचन में … Read more

तुलसीदास – कवितावली (उत्तरकाण्ड से ) कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड

tulsidas

तुलसीदास – कवितावली (उत्तरकाण्ड से ) कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड कवि परिचय जीवन परिचय– गोस्वामी तुलसीदास का जन्म बाँदा जिले के राजापुर गाँव में सन 1532 में हुआ था। कुछ लोग इनका जन्म-स्थान सोरों मानते हैं। इनका बचपन कष्ट में बीता। बचपन में ही इन्हें माता-पिता का वियोग सहना पड़ा। गुरु नरहरिदास की कृपा … Read more

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